मेघालय, जिसे "बादलों का घर" कहा जाता है, अपने आश्चर्यजनक झरनों के लिए प्रसिद्ध है। राज्य के कई खूबसूरत झरनों में से एक सबसे अच्छा और सबसे प्रसिद्ध झरनों में से एक है।

नोहकालीकाई जलप्रपात

नोहकलिकाई झरना चेरापूंजी (सोहरा) के पास स्थित है, जो पृथ्वी पर सबसे अधिक आर्द्र स्थानों में से एक माना जाता है।

यह भारत का सबसे ऊंचा झरना है, जिसकी ऊंचाई लगभग 340 मीटर (1,115 फीट) है।

हरे-भरे वातावरण और घने जंगलों के बीच चट्टान से नीचे गिरता यह झरना एक मनमोहक दृश्य उत्पन्न करता है।

नोहकलिकाई जलप्रपात लिकाई नामक एक महिला की दुखद किंवदंती से जुड़ा हुआ है, जो इसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को बढ़ाता है।

आगंतुक एक दृश्य बिंदु तक पहुंच सकते हैं, जहां से वे झरने और उसके आसपास के लुभावने परिदृश्य की प्रशंसा कर सकते हैं।

यह मेघालय का एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है, जो दुनिया भर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता और भव्यता को देखने के लिए आते हैं।

नोहकालिकाई जलप्रपात मेघालय के प्राकृतिक वैभव का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो राज्य के प्रकृति प्रेमियों के लिए अत्यंत आकर्षक स्थल है।