अगर आप उत्तर प्रदेश में पर्यटन करना चाहते हैं तब आपको दुधवा राष्ट्रीय उद्यान (Dudhwa National Park) जाना चाहिए क्योकि यह उत्तर प्रदेश का एक मात्र राष्ट्रीय उद्यान है यहां पर आपको कई प्रकार के वन्य जीव,सरीसृप,पक्षी ,औषधीय पौधे ,जलीय जंतु व आर्थोपोड्स की विभिन्न प्रजातियाँ देखने को मिलेंगी | हर साल लाखों लोग पर्यटन के लिए दुधवा राष्ट्रीय उद्यान आते हैं।
Dudhwa National Park Lakhimpur Khiri Uttar Pradesh
उत्तर प्रदेश का एक मात्र राष्ट्रीय उद्यान “दुधवा राष्ट्रीय उद्यान” है जो लखीमपुर खीरी में स्थित है, दुधवा नेशनल पार्क उत्तर प्रदेश व नेपाल सीमा के बीच स्थित है | इस उद्यान में विशाल घने जंगल हैं| इस विशाल घने क्षेत्र को 1977 में राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया | उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा और समृध्द जैव विविधता वाला विशाल क्षेत्र है | दुधवा राष्ट्रीय उद्यान बाघों और बारहसिंघा के लिए विश्व प्रसिध्द है | इस घने जंगल में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं जैसे कि बाघ, गैण्डा ,चीतल,सांभर,बारहसिंगा ,हाथी ,नीलगाय ,तेंदुआ ,सियार,लोमड़ी ,भेड़िया,लकड़बग्घा आदि इसके अलावा पक्षियों ,उभयचर, सरीसृपों और आर्थोपोड्स की लाखों की प्रजातियाँ निवास करती हैं |
वन्य जीव
दुधवा नेशनल पार्क में हिरनों की पाँच प्रजातियां पाई जाती हैं उनके नाम इस प्रकार हैं – सांभर,चीतल, काकड़ , बारहसिंगा और पाढ़ा | इसके अतिरिक्त बाघ ,भालू, तेंदुआ ,स्याही,उड़ने वाली गिलहरी,हाथी ,डॉल्फिन ,मगरमच्छ,लगभग 450 पक्षी प्रजातियां एवं सरीसृप ,उभयचर ,तितलियों के अतिरिक्त दुधवा उद्यान के घने जंगलों में तमाम अज्ञात प्रजातियाँ निवास कर रही हैं | गर्मियों की छुट्टियों में परिवार के साथ दुधवा राष्ट्रीय उद्यान को अवश्य जाएं |
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के घने जंगल
इस उद्यान में विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे पाए जाते हैं जैसे कि साल,साखू ,जामुन ,बहेड़ा,खैर ,बेर के अतिरिक्त कई प्रकार के वृक्ष इस घने जंगल में पाए हजाते हैं | घने जंगल में एक ट्री घर भी बनाया गया है वह देखने में बहुत ही खूबसूरत है | देश विदेश से आने वाले पर्यटक इस ट्री घर को देखने जरूर जाते हैं |
दुधवा में विभिन्न प्रकार की झाड़ियाँ ,घासें ,औषधीय वनस्पतियां व् सुन्दर पुष्पों वाली वनस्पतियाँ भी पाई जाती हैं |
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान की परियोजनाएं
वन्य जीवों को बचाने के लिए सरकार की तरफ से दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार की परियोजनाए चलाई गई| इनमें बाघ और गैण्डों को बचाने के लिए परियोजना चलाई गई | दुधवा नेशनल पार्क को 1987-88 में भारत सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर परियोजना में शामिल किया गया था |
दुधवा नेशनल पार्क के पर्यटन स्थल
दुधवा यद्यान में थारू हट और सफारी की सुविधाएं पर्यटकों को आकर्षण और कौतूहल के प्रमुख केंद्र माने जाते हैं | दुधवा के थारू हट में पर्यटकों के रूकने के लिए सुविधा उपलब्ध है | रेस्ट हाउस प्राचीन इण्डों-ब्रिटिश शैली की इमारतें पर्यटकों को इस घने जंगल में रहने का स्थान देती हैं इससे पर्यटकों रोमांच दुगुना मिलता है | पर्यटक अपने को इस घने जंगल में सुरक्षित महसूस करते हैं | दुधवा नेशनल पार्क में ब्रिटिश राज से लेकर आजाद भारत में बनवाए गए लकड़ी के मचान आज भी देखने को मिलते हैं | दुधवा के घने जंगलों में थारू जनजातीय निवास करती है | उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से थारू जनजातीय लखीमपुर खीरी के तराई में निवास करती है |
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुँचे
दुधवा उद्यान पहुँचने के कई रास्ते हैं लखनऊ से बस या फिर ट्रेन से सीधे जा सकते हैं | (लखनऊ टू दुधवा 211 किमी )
लखनऊ से दुधवा उद्यान आने के लिए आप सिधौली ,सीतापुर ,हरगाँव ,लखीमपुर ,भीरा से पलिया होते हुए दुधवा राष्ट्रीय उद्यान पहुँच सकते हैं | दुधवा नेशनल पार्क पहुँचाने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन दुधवा ,पलिया व मैलानी स्टेशन हैं | ट्रेन से यात्रा लखनऊ टू मैलानी टू दुधवा स्टेशन जा सकते हैं |
दिल्ली से दुधवा (435 किमी ) जाने के लिए – गाजियाबाद, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाहजहाँपुर, खुटार, मैलानी, गोला होते हुए पलिया पहुँचा जा सकता है, जहाँ से दुधवा मात्र 10 कि०मी० की दूरी पर स्थित है। बस सेवा-लखनऊ,सीतापुर ,लखीमपुर ,गोला,मैलानी से पलिया होकर दुधवा राष्ट्रीय उद्यान पहुंचा जा सकता है|
Online /OfflineTicket Booking
Dudhwa National Park जाना चाहते हैं तो आप घर बैठे आनलाइन टिकट भी बुक कर सकते हैं Online Booking.
अगर आप ऑफलाइन टिकट बुक करना चाहते हैं तो आप वहीं से मेन ऑफिस से खरीद सकते हैं।
दुधवा टाइगर रिजर्व में पर्यटकों हेतु प्रदेश शुल्क
प्रतिव्यक्ति भारतियों के लिए 200 रुपए ,प्रतिव्यक्ति विदेशियों के लिए 2500 रुपए,प्रतिबच्चा 150 रुपए (5 वर्ष से अधिक ),प्रतिबच्चा नि:शुल्क (5 वर्ष से कम)
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