सीतापुर के प्रसिध्द-Sitapur Tourist Places
सीतापुर में बहुत से प्रसिध्द ऐतिहासिक स्थल व मंदिर हैं जहाँ आपको छुट्टियों में अपने परिवार के साथ अवश्य जाना चाहिए। आज हम आप सभी के लिए Sitapur Tourist Places में बहुत से प्रसिध्द ऐतिहासिक स्थल व मंदिर बताएंगे ,जहाँ आपको छुट्टियों में अपने परिवार के साथ अवश्य जाना चाहिए। जिनकी लिस्ट नीचे उपलब्ध कराई जा रही है। सीतापुर में बहुत से ऐतिहासिक स्थल भी हैं जिनके विषय में बहुत जल्द ब्लॉग देखने को मिलेगा। आज के ब्लॉग में हम केवल मंदिर के विषय में जानकारी देंगे।
सीतापुर में वैसे तो बहुत से मंदिर हैं पर हम आप सभी को प्रसिध्द मंदिरों के विषय में बतायेंगे । बहुत सी किताबों में नैमिषायण्य,मिश्रिख,हरगांव का नाम अवश्य सुना ही होगा। सीतापुर में सबसे प्रसिध्द पौराणिक मंदिर नैमिषयण्य और मिश्रिख के हैं ,पुराने सीतापुर में भी एक प्रसिध्द मंदिर है जिसका नाम श्यामनाथ मंदिर है यह भगवान शिव को समर्पित है। इस शिव मंदिर को 300-400 साल पहले बनाया गया था और पुराने सीतापुर शहर में स्थित है। Sitapur
Sitapur Tourist Places-2024
- ललिता देवी मंदिर
- व्यास गद्दी
- पंच प्रयाग
- सुद गद्दी
- नैमिषारायण चक्रतीर्थ
- हनुमान गढ़ी और पंच पांडव
- सीतापुर (श्यामनाथ मंदिर)
- दधीचि कुंड
- काली पीठ मंदिर
- देवपुरी मंदिर
- त्रिशक्ति धाम मंदिर
- बालाजी मंदिर
- चार धाम मंदिर
- पंचमुखी हनुमान मंदिर
- राजघाट
- रुद्रावर्त महादेव मंदिर
- सूर्यकुण्ड तीर्थ हरगांंव
- पत्थरशिवाला मंदिर (बिसवां)
- बिरला मंदिर हरगांव
- चांदी वाले मनुमान मंदिर (सीतापुर शाहर में)
नैमिषारायण
यह स्थान धार्मिक और ज्ञान का केंद्र है। पूरे भारत के लोग इस पवित्र स्थान पर जाते हैं। नैमिषारण्य(Namisharanya) में महत्वपूर्ण पवित्र स्थान इस प्रकार हैं :-ललिता देवी मंदिर,व्यास गद्दी,पंचा प्रयाग,हनुमान गढी,चक्रतीर्थ,पंचमुखी हनुमान मंदिर,राजघाट,रुद्रावर्त महादेव मंदिर,बालाजी मंदिर,चारा धाम मंदिर,त्रिशक्ति धाम मंदिर,कालीपीठ मंदिर,देवपुरी मंदिर आदि प्रसिद्ध मंदिर हैं।
ललिता देवी मंदिर-यह धार्मिक देवताओं के बीच बहुत प्रसिद्ध मंदिर है।चक्रतीर्थ-यह स्थान नीमिश्रण्य में सबसे पवित्र स्थान है। यह कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा के उपकरण चक्र ने इस पवित्र भूमि को गिरफ्तार किया और एक गोल “कुंड” बनाया जिसकी नाम चक्र तीर्थ है। पंच प्रयाग-यह तालाब ललिता देवी मंदिर के पास स्थित है।व्यास गद्दी-यह चक्रत्रिथ के निकट स्थित है जहां ऋषि ने चार भागों में वेदों को बांटा और पुराणों का निर्माण किया। हनुमान गढ़ी और पंच पांडव-यहां भगवान हनुमान की बड़ी मूर्ति स्थित है। जब त्रेतायुग में रावण ने श्री राम लक्ष्मण जी को एक और विश्व (पाटलाल) में ले लिया, तब श्री हनुमान जी ने अहि रावण की हत्या कर दी थी। श्री राम लक्ष्मण जी को अपने कंधों पर लेते समय, मकरध्वज ने अपना रास्ता बदल दिया, जिसके कारण श्री हनुमान जी ने नैमिश्ररण्य में प्रकट हुए।
मिश्रिख
मिश्रिख भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के सीतापुर जिले में स्थित है। यह नैमिषारण्य से 10 किमी दूर स्थित एक और धार्मिक स्थल है। जो “नीमसार” भी कहलाता है । जिस कारणवश इस शहर कोमिस्रिख नीमसार(Misrikh Neemsar) भी कहते हैं । महर्षि दधीची आश्रम और सत्कमंद इस स्थान का पवित्र तीर्थ है।
हरगांव
सीतापुर से हरगांव की दूरी 25 किलोमीटर है। अगर आप सूर्यकुंड तीर्थ देखना चाहते हैं तो आप सीतापुर से बस,ट्रेन व अन्य बहुत से साधन मिल जायेंगे। सीतापुर से हरगांव मात्र 30 मिनट का रास्ता है। हरगांव सूर्यकुंड तीर्थ में कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करना बेहद लाभदायक माना जाता है। यहाँ पर स्नान करने से कुष्ठ रोग सहित अन्य चर्म रोग भी ठीक हो जाते हैं । ऐसा लोगों का मानना है ।
बिसवां
सीतापुर से बिसवां की दूरी 35 किलोमीटर है। बिसवां में स्थित पत्थर शिवाला मन्दिर को बिसवां की आत्मा कहा जाता है। यहाँ पर चित्ताकर्षक नक्काशी एवं संगमरमर की मूर्तियां श्रद्वालुओं के आकर्षण का केन्द्र बिन्दु बनी हुई हैं। इस मंदिर कि प्रसिध्दि दूर दूर तक है। मन्दिर के मध्य भाग के स्थापित विशालकाय सफेद शिवलिंग है । बिसवां में एक और प्रसिध्द मंदिर है जिसका नाम शीतला देवी मंदिर है।
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